UP Government Teacher Recruitment 2024 – बिहार के बाद अब यूपी में बंपर शिक्षकों की बहाली खुशखबरी
UP Government Teacher Recruitment 2024: बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में भी बंपर शिक्षकों की बहाली देखने को मिलने वाली है| सरकार ने इसके लिए तैयारियां जोर सोर से शुरू कर दिया है| उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 के तहत नई नियमावली को घोषित कर दिया है| अब आने वाली जो भी भर्तिया होगी इसी नये शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से होंगे|
5 साल की मेहनत के बाद अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अधिनियम 2023 के नियमावली आधिकारिक तौर पर प्रकाशित हो चुकी है| लेकिन विवादस्पद शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव अभी तक नहीं किया गया है| ऐसे में भविष्य में आने आयोग द्वारा होने वाली जितनी भी भर्तिया हैं उसमें विवाद उत्पन्न होने की संभावना से फिलहाल इनकार बिल्कुल नहीं किया जा सकता है| जो बुधवार को जारी नियमावली है इसके माध्यम से टीजीटी पीजीटी के पदों पर भर्ती के लिए इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 को आधार बनाया गया है| यानी 101 साल पुराने अधिनियम के आधार पर ही अभी फिलहाल नए आयोग से भर्तिया होगी| जिसको अपडेट नहीं किया गया है| 1921 के अधिनियम को अपडेट ना किए जाने की वजह से नया आयोग पुराने पैटर्न पर ही भर्तिया करेगा|
नये शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली प्रकाशित हो जाने के बाद एक-दो दिन मे अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में विज्ञापन जारी हो जाएगा और इसके 25 दिनों के भीतर ही इसके आवेदन स्वीकार किए जाएंगे| मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक चयन समिति का गठन किया जाएगा और चयन समिति के जो अध्यक्ष होंगे उसके लिए पांच नाम और उम्मीदवार सदस्य के लिए तीन नाम की सिफारिश की जाएगी| चयन समिति की अनुशंसा पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही भेजी जाएगी|
1921 की कानून में कई विसंगतियां हैं ऐसे में संशोधन का प्रस्ताव यूपी काउंसिल ने 5 साल पहले शासन को भेजा गया था| लेकिन मंजूरी नहीं मिली है सबसे विवादस्पद प्रावधान शिक्षकों की योग्यता को लेकर है| मास्टर टीचर सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन एक्ट 1991 के दौरान मेयो स्कूल आफ आर्ट, लाहौर टीजीटी आर्ट्स विषय में भर्ती के लिए यहां पर मान्य किया गया था| जिसका आज भी नियमों में पालन लगातार किया जा रहा है| पिछली भर्तियों के दौरान इस मुद्दे पर काफी विवाद खड़ा हुआ था| बेरोजगारों की तरफ से हाईकोर्ट में ढेर सारी याचिका दायर की गई थी| लेकिन नियम बदले नहीं जा सके हैं| इसके अलावा हाई स्कूल में जीव विज्ञान विषय अलग से फिलहाल नहीं पढ़ाया जाता है| बल्कि जीव विज्ञान शिक्षकों की भर्ती अलग से की जाती है यह भी एक विवाद है ऐसे में उम्मीद की जा रही है नया आयोग अभी पुराने आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती करेगा|
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